संगीत मेरी आत्मा है - पवन सिंह
भोजपुरिया गायिकी के सिरमौर व भोजपूरी फिल्मो के सुपर स्टार पवन सिंह 100 से भी अधिक फिल्मे करने के बाद इन दिनों निर्देशक रवि भूषण की फिल्म तेरे जैसा यार कहाँ की शूटिंग में व्यस्त हैं. भोजपुरी फिल्म जगत में आई कई उतार चढ़ाव के बाद भी पवन सिंह अपनी जगह स्थिर हैं। अभिनय में नयी मुकाम हासिल करने के बाद भी उनका दिल गीत और संगीत में ही ज्यादा लगा रहता है। उनके फ़िल्मी सफ़र पर विस्तृत चर्चा हुई . प्रस्तुत है कुछ अंश -
भोजपुरी में खुद को कहाँ पाते हैं आप ?
भोजपुरी मेरे लिए मात्र भाषा ही नहीं मेरा सबकुछ है। घर बाहर हर जगह मैं भोजपुरी में ही बात करता हूँ। भोजपुरी गाने गाके कर ही बिहार के आरा जिले के एक बदहाल गाँव का पवनवा आज पवन सिंह बना है। आज मेरी जो भी पहचान है वो सिर्फ भोजपुरी ने ही दी है मुझे। यानि भोजपुरी पूरी तरह मुझमे रची बसी है।
‘तेरे जैसा यार कहा ’ में आपका किरदार?
‘तेरे जैसा यार कहाँ ’ में मेरा कैरेक्टर काफी दिलचस्प है. मैं खुलकर अभी इस पर बात नहीं कर सकता लेकिन इतना जरूर कहूँगा की निर्देशक रवि भूषण ने मुझे एक अलग अंदाज़ में पेश किया है . मैंने उनके साथ इसके पहले भी फिल्मे की है . गुंडई राज का डॉन और डकैत का डकैत हमारे दर्शको को अच्छी तरह याद है। मैं इतना ही कहूँगा की मेरे इस किरदार को भी लोग याद रखेंगे।
आपकी गिनती सुपर स्टार कलाकारों में होती है कैसा लगता है सुनकर ?
सच कहूं तो जब कोई मुझे स्टार कहता है तो काफी डर लगता है। ‘स्टार’ शब्द में ‘अहम’ छुपा होता है जिसे मैं स्वीकार नहीं कर सकता. मैं कलाकार हूं और एक कलाकार सिर्फ और सिर्फ दर्शको के प्यार का भूखा होता है. बचपन से ही खुद के लिए ताली सुनते आया हूँ लेकिन यह ऐसी भूख है जो कभी मिटती नहीं है . दर्शको के दिलो में मेरे लिए प्यार बना रहे यही मेरी दिली तमन्ना है और इसके लिए मैं तन मन से जुडा हूँ . काम मेरी पूजा है जिसे मैं पूरी ईमानदारी से कर रहा हूं।
आपकी प्राथमिकता क्या होगी ?
यह सच हर कोई जानता है कि मैं नायक से पहले गायक था. अगर मेरी गायिकी नहीं होती तो शायद आज मैं इस मुकाम पर नहीं होता. एक्टिंग के साथ-साथ आज भी मैं फिल्मों व अलबमों में अपना स्वर देता हूं और रही प्राथमिकता देने की बात, तो मेरे लिए पहली प्राथमिकता संगीत ही है क्योंकि वहाँ मेरी आत्मा बसती है उसके बाद ही अभिनय .
आने वाली फिल्मे ?
मेरी आने वाली फिल्मो की संख्या एक दर्ज़न से ऊपर है. यानी आप कह सकते हैं की २०१६ में भी सर्वाधिक मेरी ही फिल्मे रिलीज़ होंगी। मुझे अपनी सभी फिल्मो से काफी उम्मीदें है चाहे वो भोजपुरिया राजा हो, जिद्दी हो, सरकार राज हो, अस्सी घाट हो। सबमे मेरा किरदार अलग अलग है. हर कलाकार की तरह मुझे भी अपनी सारी फिल्मो से काफी उम्मीदें है.
भोजपुरिया गायिकी के सिरमौर व भोजपूरी फिल्मो के सुपर स्टार पवन सिंह 100 से भी अधिक फिल्मे करने के बाद इन दिनों निर्देशक रवि भूषण की फिल्म तेरे जैसा यार कहाँ की शूटिंग में व्यस्त हैं. भोजपुरी फिल्म जगत में आई कई उतार चढ़ाव के बाद भी पवन सिंह अपनी जगह स्थिर हैं। अभिनय में नयी मुकाम हासिल करने के बाद भी उनका दिल गीत और संगीत में ही ज्यादा लगा रहता है। उनके फ़िल्मी सफ़र पर विस्तृत चर्चा हुई . प्रस्तुत है कुछ अंश -
भोजपुरी में खुद को कहाँ पाते हैं आप ?
भोजपुरी मेरे लिए मात्र भाषा ही नहीं मेरा सबकुछ है। घर बाहर हर जगह मैं भोजपुरी में ही बात करता हूँ। भोजपुरी गाने गाके कर ही बिहार के आरा जिले के एक बदहाल गाँव का पवनवा आज पवन सिंह बना है। आज मेरी जो भी पहचान है वो सिर्फ भोजपुरी ने ही दी है मुझे। यानि भोजपुरी पूरी तरह मुझमे रची बसी है।
‘तेरे जैसा यार कहा ’ में आपका किरदार?
‘तेरे जैसा यार कहाँ ’ में मेरा कैरेक्टर काफी दिलचस्प है. मैं खुलकर अभी इस पर बात नहीं कर सकता लेकिन इतना जरूर कहूँगा की निर्देशक रवि भूषण ने मुझे एक अलग अंदाज़ में पेश किया है . मैंने उनके साथ इसके पहले भी फिल्मे की है . गुंडई राज का डॉन और डकैत का डकैत हमारे दर्शको को अच्छी तरह याद है। मैं इतना ही कहूँगा की मेरे इस किरदार को भी लोग याद रखेंगे।
आपकी गिनती सुपर स्टार कलाकारों में होती है कैसा लगता है सुनकर ?
सच कहूं तो जब कोई मुझे स्टार कहता है तो काफी डर लगता है। ‘स्टार’ शब्द में ‘अहम’ छुपा होता है जिसे मैं स्वीकार नहीं कर सकता. मैं कलाकार हूं और एक कलाकार सिर्फ और सिर्फ दर्शको के प्यार का भूखा होता है. बचपन से ही खुद के लिए ताली सुनते आया हूँ लेकिन यह ऐसी भूख है जो कभी मिटती नहीं है . दर्शको के दिलो में मेरे लिए प्यार बना रहे यही मेरी दिली तमन्ना है और इसके लिए मैं तन मन से जुडा हूँ . काम मेरी पूजा है जिसे मैं पूरी ईमानदारी से कर रहा हूं।
आपकी प्राथमिकता क्या होगी ?
यह सच हर कोई जानता है कि मैं नायक से पहले गायक था. अगर मेरी गायिकी नहीं होती तो शायद आज मैं इस मुकाम पर नहीं होता. एक्टिंग के साथ-साथ आज भी मैं फिल्मों व अलबमों में अपना स्वर देता हूं और रही प्राथमिकता देने की बात, तो मेरे लिए पहली प्राथमिकता संगीत ही है क्योंकि वहाँ मेरी आत्मा बसती है उसके बाद ही अभिनय .
आने वाली फिल्मे ?
मेरी आने वाली फिल्मो की संख्या एक दर्ज़न से ऊपर है. यानी आप कह सकते हैं की २०१६ में भी सर्वाधिक मेरी ही फिल्मे रिलीज़ होंगी। मुझे अपनी सभी फिल्मो से काफी उम्मीदें है चाहे वो भोजपुरिया राजा हो, जिद्दी हो, सरकार राज हो, अस्सी घाट हो। सबमे मेरा किरदार अलग अलग है. हर कलाकार की तरह मुझे भी अपनी सारी फिल्मो से काफी उम्मीदें है.
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